हमनवा मेरे....❤️
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ये कहानी पुर्णतः काल्पनिक है इसमें लिखी विषय वस्तुएँ व घटनाऐं सब मेरी कल्पना से रचित है ना इसका सम्बंध किसी व्यक्ति विशेष से है ना ये किसी अन्य कहानी कि या फिल्म कि कॉपी है इसके सारे कॉपी राइट अधिकार मेरे पास है कृपया पढ़ने के अलावा और कुछ ना करें यही आपके लिए उचित होगा....बस अपना प्यार और साथ बनाए !!
धन्यावाद🙏
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कानपूर
उत्तरप्रदेश
मिश्रा निवेश
कानपूर के विधायक का घर
एक आदमी सफ़ेद कुर्ता पजामा पहने घर के हॉल में बैठे थे और थोड़े गुस्से में भी लग रहे थे उनके सामने हि एक लड़की नीले अनारकली सूट में सर झुकाई खड़ी थी उसी कि बगल में एक औरत बनारसी साड़ी पहने खड़ी थी ।
विधायक जी सख्त आवाज़ में बोले , '' देखो बिट्टू हमने फैसला ले लिया है तुम्हारी शादी वहीं होगी जहां हम बोल रहे है इसलिए अब ये सब ड्रामा बंद करो और तैयार हो जाओ शाम तक खुराना साहब अपने परिवार के साथ यहाँ आ जाएंगे इसलिए हमें कोई भी ड्रामा अब नहीं चाहिए ''
'' पर बाबा हमें अभी शादी नहीं करनी है अभी तो हमने अपना मेनेजमेंट का पूरा किया है अभी हमें और पढ़ना है बाबा प्लीज ऐसा मत कीजिए ''
'' देखो बिट्टू जितना पढ़ना था आप पढ़ चुकी है और हमारे घर कि लड़कियों कि शादी इसी उम्र में हो जाती है इसलिए अब आपकी बारी है तो अच्छा यही होगा कि आप शांति से सब भूल के शादी करके अपना घर बसाए खुश रहे '' इतना बोल वो लड़की के पास आए और उसके सर पर हाथ रख प्यार से बोले , '' आप हमारी लाडली है इसलिए आपके लिए लिया हर फैसला बहुत सोच के लेते है हम ! आप फ़िक्र मत कीजिए बिट्टू सब लोग बहुत अच्छे है अमरीश जी हमारे बचपन के मित्र है और हमें पता है कि वो आपको अपनी बेटी कि तरहा रखेंगे इसलिए बिना वक़्त गवाएं हमने हाँ कि है अब सब आपके ऊपर है बेटा और हम उम्मीद करेंगे कि आप सही फैसला लेंगी '' इतना बोल वो वहां से बहार चलें गए लड़की वहीं खड़ी आँखों में आंसू लिए उन्हें देखती रही ।
'' बिट्टू '' वहां खड़ी महिला ने लड़की से कहा जो कि उसकी माँ थी और विधायक जी धर्मपत्नी भी , '' बिट्टू जैसा तुम्हारे बाबा बोल रहे है उसे मान लो बच्ची इसी में भलाई है तुम्हारी काहे कि आगे पढ़ने और बढ़ने तुम्हारे ताऊ जी देंगे नहीं ये रिश्ता बहुत अच्छा है बिटिया मान जाओ इसे वरना बाद में जो ताऊ जी लांएगे रिश्ता वो कैसा होगा हमें भी ना पता है अमरीश जी को हम भी जानते है बिटिया ऊ बहुत अच्छे इंसान है इंदौर के बहुत बड़े और नामी व्यापारी भी है खुली सोच के व्यक्ति है क्या पता वो खुद तुमको आगे बढ़ने कि इजाजत दे , हम बोल रहे है एक बार सोच लो '' उन्हीने प्यार से लड़की के गाल को छूआ और रसोई घर कि तरफ बढ़ गई तभी रुक के दुबारा बोली , '' सुनो कमरे में लड़के कि तस्वीर रखी है देखना चाहो तो देख लो '' इतना बोल वो सीधा किचन में चली गई ।
लड़की चीड़ते हुए ऊपर कमरे में भाग गई रूम में आ के वो बेड पर गिरी और तकिये में मुँह छुपाएं रोने लगी ।
'' कनु '' एक लड़की कमरे में आते हुए हुर बोली कनु का पूरा नाम कनिष्का मिश्रा है सब दोस्त उसे प्यार से कनु बुलाते है और घर पर उसे बिट्टू बुलाते हुए जब कनिष्का कि दोस्त अंदर आई तो उसने देखा कनिष्का तकिये में मुँह छुपाएं सोई हुई थी वो सर हिलाते हुए उसके पास चली आई
'' कनु ये कोई सोने के वक़्त है वक़्त दिख ज़रा हम सब कबसे रहीम काका कि टपरी पर तेरा वेट कर रहे थे और तू यहाँ आराम से सोई पड़ी है चल उठ जल्दी '' बोलते हुए लड़की कनिष्का को उठाने लगी
'' मुझे कहीं नहीं जाना है कनक तू जाओ यहाँ से '' बोल कर वो फिर मुँह फेर कर लेट गई
'' अरे ऐसे कैसे नहीं जाना तूने वादा किया था कि तू हम सबको कानपूर घुमाएगी ''
'' हाँ ! कहा था पर अभी मन नहीं है मेरा तुम सब चलें जाओ '' इस बार वो सिसकते हुए बोली तो कनक ने एकदम से उसे उठा के अपने तरफ किया
'' हे तू रो क्यूँ रही जल्दी बता इस बिहेवियर का रीजन '' कनक मे एकदम हक वाली टोन में कहा क्योकि कनक कनिष्का कि बेस्ट फ्रंड थी वो लखनऊ से थी और दिल्ली में कनिष्का से साथ पढ़ती थी इस वक़्त वो अपने और दोस्तों के साथ कानपूर घूमने आई थी ।
'' कुछ नहीं है तुम जाओ सब वेट कर रहे होंगे तुम्हारा '' कनु मे आंसू पूछ्ते हुए कहा
'' कोई वेट नहीं कर रहा मेरा सब वापस होटल चलें गए क्योकि शाम होने वाली है इसलिए कोई बहाना मत बना और चुपचाप बता क्या हुआ है ''
उसके बहुत फोर्स करने पर कनिष्का ने उसे सब बताया जो जो उसके पापा और उसके बीच शादी के बारे में बात हुई ।
'' देखो कनु में कहती हूँ कि एक बार मिल के तू लड़के से '' उसकी बात सुन कनिष्का घूर के उसे देखने लगी
'' अरे रे घूर मत मेरी जान , देखने में क्या जाता है अगर तुझे गुड वाइब्ज नहीं आएगी तो तू मना कर दियो '' कनक ने उसे सीड से हग करते हुए कहा
कनक - '' वैसे कोई फोटो वोटो दिखाई या नहीं ''
'' हे माँ ने बोला था कमरे में रखी है पर मैंने देखी नहीं '' बोल के कनिष्का ने फोटो खोजने लगी तो वहीं उसकी स्टडी टेबल पर उस एक एनवलप मिल गया वो उसे खोलती उससे पहले हि कनक ने लिफाफा छीन लिया ।
'' अरे ये क्या हरकत है मुझे भी तो दिखा '' बोलते हुए कनिष्का उसकी तरफ लपकी कनक दूसरी तरफ जाते हुए बोली
'' कनु आय टेल यू वन थिंक कि तू ना अगर शादी के लिए मना करें तो प्लीज मेरा प्रपोसल दे दियो क्योकि यार ये बंदा बहुत हॉट है सच्ची एकदम किसी मॉडल कि तरह '' बोलते हुए कनक बहुत प्यार से फोटो को देखने लगी कनिष्का ने खीझते हुए उसके हाथ से फोटो ली और देखने लगी पल को वो भी खो गई
फोटो में एक 5'9 कि हाइट का एक गोरा चित्ता लड़का अपनी जेब में हाथ डाले दोनों पैरों को क्रॉस किये कार कि बोनट से लगा खड़ा था वाइट शर्ट ब्लैक जींस में उसकि जिम कि हुई बॉडी उसकी शर्ट के ऊपर से साफ पता चल रही थी चेहरे पर एक प्यारी सी हल्की स्माइल थी खुल मुला के वो लड़का बहुत हि ज्यादा स्मार्ट और क्यूट लग रहा था ।
'' ओह मैडम अभी तक तो देखना नहीं था और अब ऐसे आंखे फाड़ फाड़ के ताड़ रही हो , कहीं नियत तो नहीं बदल गई '' कनक ने उसे छेड़ते हुए कहा तो कनिष्का झेप गई
'' ऐसा कुछ नहीं है समझी इसलिए ज्यादा दिमाग मत चला और चल मेरा सर रो रो के दर्द हो गया इसलिए अब इसे ठीक करने के लिए मुझे गोल-गप्पे खाने होंगे '' बोलते हुए वो अपना दुप्पटा ठीक करने लगी कुछ देर बाद दोनों वजह से स्कूटी पर बाजार कि तरफ निकल गए ।
क्रमशः
ये कहानी हफ्ते में दो दिन आएगी जो '' एक मुलाकात '' है वो रोज अपडेट होती है सो ये वाली सिर्फ हफ्ते में दो दिन हि अपलोड होगी 🙂
बाकी स्टार्टिंग कैसी लगी आपको बताइयेगा जरुरी 😊 आयम वेटिंग फिर योर कमेंट ✍️
✍️सुधा यादव©®
Lotus🙂
13-Mar-2022 03:55 PM
Behtarin kahani
Reply
Seema Priyadarshini sahay
02-Feb-2022 06:11 PM
बहुत ही रोचक स्टोरी
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Pamela
02-Feb-2022 01:23 AM
Are wah ekdme badhiya starting h kahani ki, aapki pahli series bhi mai padh rahi hun usame bhi aarav aur Anusha ki khani achchi lag rahi h, ab aapki ye new kahani, umid h pahle ki tarah hi jabarjast hogi, waiting for next part...
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